देशबंधु नेताम की खबर,
देवभोग ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत लाटापारा के पूंजीपारा आंगनबाड़ी केंद्र पर आंगनबाड़ी सहायिका फर्जी दस्तावेज के जरिए नियुक्त का चर्चित मामला ने अब नया मोड ले लिया है फर्जीवाड़ा में शामिल के आरोप से घिरे निलंबित प्रधान पाठक जोगेंद्र कश्यप ने हस्तलिखित अंकसूची की कॉपी को 24 सितंबर 2024 को जारी करने का बयान मीडिया पर दिया है ऐसे में आंगनबाड़ी सहायिका पद के लिए दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि 13 सितंबर पर वह अंकसूची किस तरह शामिल हुआ इस बीच अब प्रधान पाठक द्वारा दबाव पूर्वक और विकासखंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में परीक्षाफल को छोड़ने और कार्यालय पर ही सफेदा लगाने एवं 81 प्रतिशत को 85 प्रतिशत करने आरोप मड दिया है जिसे लेकर बीईओ देवनाथ बघेल पूरे आरोपों सिरे से खारिज करते छवि को धूमिल कर अपनी अपनी स्वार्थ पूरा करने की बात कही है उखेनिय हो की पूंजीपारा सहित अन्य आंगनबाड़ी केंद्र पर आंगनबाड़ी सहायिका पद के भर्ती के लिए वेकेंसी निकाला गया और इसी तारतम्य में पूंजीपारा के आंगनबाड़ी सहायिका पद के लिए लाटापारा निवासी तारणि बघेल ने भी आवेदन दिया जिसके आवेदन पर फर्जी अंकसूची शामिल करने की शिकायत गांव के मधु यादव ने थाना पर दर्ज कराया जिसके आधार पर पुलिस जांच पड़ताल कर तारणि बघेल को जेल भेज दिया साथ ही इसके आरोप में प्रधान पाठक जोगेंद्र कश्यप को भी शामिल किया हालांकि जोगेंद्र कश्यप ने अग्रिम जमानत लेने के पश्चात पूरा मामला मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक किया जा रहा है
बी ई ओ ने जबाव से किया आरोप को खारिज _: बीईओ देवनाथ बघेल ने प्रधान पाठक जोगेंद्र कश्यप द्वारा लगाए आरोप को बिंदुवार जबाव देते कहा कि कार्यालय में तारणि बघेल ने 8 वी की द्वितीय प्रति अंकसूची के लिए 24 सितंबर को आवेदन किया जिसके बाद उक्त आवेदन को 30 सितंबर को बाड़ीगांव प्रधान पाठक को नियमानुसार कार्यवाही करने की निदेश जारी किया लेकिन उससे पहले ही हस्तलिखित अंकसूची को जारी करने की बात स्वयं प्रधान पाठक द्वारा कहा जा रहा है इसके अलावा परीक्षा फल को कार्यालय में छोड़ने की बात कहते कार्यालय पर ही सफेदा लगाकर प्रतिशत बढ़ाने की आरोप पर बीईओ बघेल ने कहा कि परीक्षा फल स्कूल की महत्वपूर्ण दस्तावेज होती हैं ऐसे उक्त परीक्षा फल को किसके अभी रक्षा में छोड़ा गया किया उसकी रसीद कहा है और जब कार्यालय में सफेदा लगाकर प्रतिशत बढ़ाने की बात कहा जा रही है तो उस दौरान शिकायत दर्ज क्यों नहीं कराया गया इसके कौन उच्च अधिकारी द्वारा दबाव डाला वह भी स्पष्ट नहीं हैं ऐसे मे प्रधान पाठक जोगेंद्र कश्यप द्वारा लगाए गए सारे आरोप निराधार बेबुनियाद है और भी फर्जीवाड़ा की अशंका _ चौक चौराहा से लेकर स्थानीय प्रशासनिक गलियारों ऐसे और आंगनबाड़ी सहायिका नियुक्ति में फर्जीवाड़ा होने की पूरी संभावना जताई जा रही है ऐसे में एक एक नियुक्ति पर बारीकी से जांच आवश्यकता महसूस हो रही है
