जगदलपुर. आदिवासी परिवार की बेटी बनी अधिकारी, कुमारी प्रियंका कश्यप का भूवैज्ञानिक अधिकारी के पद पर हुआ चयन।
UPSC के माध्यम से होने वाली G.S.I (जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की परीक्षा को अपने पहले प्रयास में ही पास करके बनी अपने परिवार, गांव और अपने आदिवासी समाज का गौरव।
कुमारी प्रियंका कश्यप ग्राम पंचायत बिरिंगपाल, कुच्चा पारा,पोस्ट-पंडरीपानी,तहसील-जगदलपुर,जिला-बस्तर,छत्तीसगढ में रहने वाले आदिवासी माड़िया जनजाति के घासी कश्यप और श्रीमती लक्ष्मी कश्यप की सुपुत्री है।
प्रियंका शुरू से होनहार स्टूडेंट रही है
कक्षा आठवीं तक ममता विद्यालय भड़िसगांव से पढ़कर निकली प्रियंका ने आगे की पढ़ाई शासकीय हायर सेकेंडरी विद्यालय पंडरीपानी से किया और दसवीं बोर्ड में 70% और बारहवीं बोर्ड की परीक्षा 74% से उत्तीर्ण किया। प्रियंका ने काॅलेज में भी अपनी योग्यता को जारी रखते हुए बी.एस.सी में 64% और एम.एस.सी में 79% मार्क्स लाए।
फिर प्रियंका ने कोई भी महंगी कोचिंग क्लास न ज्वाइन करते हुए अपने घर में रहकर ही UPSC की तैयारी करती रही।
गरीबी में रहकर भी कैसे बड़ी उपलब्धी हासिल की जा सकती है, इसके लिए प्रियंका ने हम सभी गरीब,किसान,मजदूरों के आदर्श परम पूज्य डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को अपना आदर्श मानते हुए कि बाबा साहब किस तरह से 18-18 घंटे पढ़ाई करते थे। प्रियंका ने भी रात-दिन एक करके केवल अपने लक्ष्य पर केन्द्रित रहकर आज हम सबके लिए यह गौरव का क्षण हासिल किया है।
साथ ही प्रियंका बेटी ने ये भी साबित किया कि महंगे प्रायवेट स्कूल, महंगी कोचिंग क्लास के बगैर भी सफलता हासिल किया जा सकता है।
प्रियंका बेटी की इस बहुत बड़ी उपलब्धि के लिए उसके मम्मी-पापा, उसके स्कूल टीचर्स और उसकी कड़ी मेहनत को बहुत-बहुत सैल्यूट है।
