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November 24, 2025 3:20 am

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6 माह से NH-43 पर अंधेरे की भेंट चढ़ रहे राहगीर, 8 मौतों के बाद भी प्रशासन की लापरवाही बरकरार

अंबिकापुर. अंबिकापुर से रायगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग-43 (NH-43) पर रघुनाथपुर क्षेत्र में लगे स्ट्रीट लाइट्स पिछले 6 माह से बंद पड़े हैं. इन लाइट्स के बंद रहने से सड़क पर अंधेरा छाया हुआ है, जो अब केवल ‘दर्शनीय’ वस्तु बनकर रह गया है. विगत दिनों में इसी अंधेरे की वजह से कम से कम 8 राहगीरों की सड़क दुर्घटनाओं में जान जा चुकी है. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण लगातार ऐसी त्रासदियां हो रही हैं, लेकिन न तो NH के एसडीओ,इंजीनियर और न ही ठेकेदार ने कोई ठोस कदम उठाया है.

जनदर्शन में शिकायत, फिर भी सन्नाटा…
इस गंभीर समस्या को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता अनवारूल हक ने जिला कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में शिकायत दर्ज कराई थी. अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर महोदय को विस्तार से समस्या की जानकारी दी और तत्काल सुधार की मांग की. लेकिन, शिकायत के बावजूद न तो एनएच के अधिकारियों ने स्ट्रीट लाइट्स को चालू करने की कोई पहल की और न ही ठेकेदार ने अपनी जिम्मेदारी निभाई. अधिवक्ता हक ने कहा, “यह केवल एक शिकायत नहीं, बल्कि सैकड़ों ग्रामीणों की जान का सवाल है. जनदर्शन में कलेक्टर का आदेश स्पष्ट होता है कि समस्याओं का तुरंत समाधान हो, लेकिन यहां तो खुला उल्लंघन हो रहा है. अगर मेरी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई, तो गरीब ग्रामीणों की आवाज तो दबी ही रह जाएगी. ऐसे में जिला कलेक्टर को जनदर्शन आयोजित करना ही चाहिए या नहीं..?”
अधिवक्ता हक ने आगे सवाल उठाया कि यदि गंभीर मुद्दों पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता, तो आम जनता का विश्वास कैसे बनेगा..? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.

अंधेरे का कहर : 8 मौतें, अनगिनत घायल…
स्थानीय लोगों के अनुसार, NH-43 का यह हिस्सा रात के समय ‘मौत की सड़क’ बन चुका है. रघुनाथपुर पुलिस चौकी क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट्स के खंभे तो लगे हैं,जो केवल चंद दिनों के लिए सड़कों में रौशनी डाली और बंद हो गई. पिछले 6 माह में दर्जनों दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें से आठ मामलों में राहगीरों की जान चली गई.

एक स्थानीय निवासी शमशाद अहमद, “रात 7 बजे के बाद सड़क पर काला अंधेरा छा जाता है. ट्रक और कारें तेज रफ्तार से गुजरती हैं, और पैदल या बाइक सवार लोग नजर नहीं आते. हाल ही में रायपुर से सीतापुर जा रही रॉयल बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी,जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. प्रशासन सो रहा है क्या..?”

यह मुद्दा न केवल सड़क सुरक्षा का है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही का भी, विशेषज्ञों का मानना है कि NH-43 जैसे महत्वपूर्ण राजमार्ग पर स्ट्रीट लाइटिंग अनिवार्य है, और इसकी अनदेखी सीधे मानव जीवन से खिलवाड़ है. बरहाल अब देखना होगा कि कब तक बंद पड़े स्ट्रीट लाइट चालू हो सकता है,या अंधेरे की वजह से सड़क पर लोगो की जान जाती रहेगी और जिम्मेदार आंखे बंद करे रहेंगे.

ATD News
Author: ATD News

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