Explore

Search

November 23, 2025 7:07 pm

लेटेस्ट न्यूज़

पहलगाम आतंकी हमले के चश्मदीद नजाकत अली ने अंबिकापुर पहुंच बयां किया दर्द

अंबिकापुर. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के चश्मदीद नजाकत अली इन दिनों छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में हैं। नजाकत पिछले 11 सालों से ठंड के मौसम में अंबिकापुर आकर कश्मीरी गर्म कपड़ों का व्यापार करते हैं, जबकि कश्मीर में वे पर्यटन से जुड़ा व्यवसाय चलाते हैं। पीटीआई से बातचीत में नजाकत ने पहलगाम हमले की दिल दहला देने वाली घटना को साझा किया, जिसमें उन्होंने न सिर्फ अपने भाई को खोया, बल्कि 11 पर्यटकों की जान भी बचाई।

नजाकत ने बताया कि हमले के दौरान वे घटनास्थल पर मौजूद थे। अचानक आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला बोल दिया, जिसमें कई भारतीय नागरिकों की जान चली गई। नजाकत ने अपनी जान जोखिम में डालकर 11 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा, “उस दिन का मंजर आज भी आंखों के सामने है। कश्मीर का माहौल पहले बिल्कुल अलग था। हर साल करोड़ों पर्यटक वहां पहुंच रहे थे, लेकिन इस हमले ने सब कुछ बदल दिया।”

कश्मीर के पर्यटन और व्यापार पर संकट

नजाकत के अनुसार, आतंकी हमले के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। होटल, रेस्तरां और स्थानीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। होटलों के किराए और खाने-पीने की चीजों के दामों में भी भारी गिरावट देखी गई है। नजाकत ने चिंता जताते हुए कहा, “आतंकी हमले ने कश्मीर के व्यापार की कमर तोड़ दी है। पर्यटन उद्योग, जो कश्मीर की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है, अब संकट में है। कश्मीर और कश्मीरियों को इस झटके से उबरने में लंबा वक्त लगेगा।”

अंबिकापुर में नजाकत का संघर्ष

नजाकत हर साल ठंड के मौसम में अंबिकापुर आकर कश्मीरी शॉल, स्वेटर और अन्य गर्म कपड़ों का व्यापार करते हैं। वे कहते हैं कि कश्मीर की बदली परिस्थितियों ने उन्हें और अन्य व्यापारियों को वैकल्पिक व्यवसाय की ओर धकेल दिया है। नजाकत ने केंद्र और राज्य सरकार से कश्मीर में शांति और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है।

ATD News
Author: ATD News

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर