अंबिकापुर. अंबिकापुर और आसपास के इलाकों में मौसम ने एकाएक करवट ले ली है. हिंद महासागर में बने चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के प्रभाव से पिछले 24 घंटों से लगातार झमाझम बारिश हो रही है, जिससे हल्की से तेज हवाओं ने शहर और ग्रामीण इलाकों में हड़कंप मचा दिया है. भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह तूफान आंध्र प्रदेश के तटों पर आज शाम या रात तक लैंडफॉल कर सकता है, लेकिन इसके नमी वाले बादल छत्तीसगढ़ तक पहुंच चुके हैं, जिससे बेमौसम बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. धान की पकी फसल खेतों में पानी में डूब रही है, और आने वाले दिनों में ठंड का सितम और तेज होने की आशंका है.
तूफान ‘मोंथा’ का जन्म और असर,,बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में 25 अक्टूबर को लो प्रेशर एरिया के रूप में विकसित हुए इस सिस्टम ने रविवार को चक्रवाती तूफान का रूप ले लिया. आईएमडी के अनुसार, तूफान ‘मोंथा’ आज सुबह तक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल चुका है, और इसकी गति 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो 110 किलोमीटर तक पहुंच सकती है. तूफान का केंद्र मछलीपट्टनम से 190 किमी दक्षिण-पूर्वी और काकीनाडा से 270 किमी दूर स्थित है. लैंडफॉल के बाद यह कमजोर होकर छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा, जिससे 28 से 30 अक्टूबर तक राज्य में भारी से अत्यधिक भारी बारिश जारी रहने का अनुमान है.
अंबिकापुर में सुबह से ही आकाश में काले बादल छाए हुए हैं, और हल्की तेज हवाओं के साथ बारिश होना शुरू हो चुका है.
किसानों पर संकट,धान की फसल को भी नुकसान…
क्षेत्र के किसानों के लिए यह बारिश किसी विपदा से कम नहीं है. अंबिकापुर सूरगुजा जिले का धान का कटोरा है, जहां खेतों में फसल पककर तैयार हो चुकी है. लेकिन बेमौसम बारिश ने कटाई को मुश्किल बना दिया है. कई किसानों की फसलें खेतों में ही हैं, क्योंकि लगातार पानी भरने से अनाज खराब हो जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र के कृषि विस्तार अधिकारी के अनुसार, “इस मौसम में 20-30% तक फसल प्रभावित हो सकती है. हम किसानों को तत्काल कटाई की सलाह दे रहे हैं, लेकिन बारिश के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा.





