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November 23, 2025 8:51 pm

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अंबिकापुर जेल कैंपस में मोबाइल पर आराम से बात करता वायरल वीडियो : जिलाबदर अपराधी को पुलिस संरक्षण ? कानून व्यवस्था पर सवाल

अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में केंद्रीय जेल के कैंपस से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें जिलाबदर घोषित अपराधी अंश पंडित जेल के मुख्य गेट के पास आराम से बैठकर मोबाइल फोन पर बात करता नजर आ रहा है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस और जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. सूत्रों के हवाले से खुलासा हुआ है कि एक प्रधान आरक्षक ने प्रतिबंधित क्षेत्र में आरोपी को मोबाइल सुविधा उपलब्ध कराई थी, जिससे अपराधियों को पुलिस संरक्षण मिलने का मामला सामने आया है. सरगुजा रेंज के आईजी ने इसकी जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं.

घटना का पूरा ब्योरा : जेल दाखिल होने से पहले ही ‘फ्री स्टाइल’

दरअसल जानकारी के अनुसार, अंश पंडित को कोतवाली थाना पुलिस ने एक मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल अंबिकापुर में दाखिल करने पहुंचाया था. वीडियो में साफ दिख रहा है कि जेल कैंपस के अंदर, मुख्य गेट के ठीक पास आरोपी आराम से बैठा हुआ मोबाइल पर किसी से बात कर रहा है. जेल दाखिल होने की प्रक्रिया के दौरान ही यह वीडियो कैमरे में कैद हो गया, जो जेल के सख्त नियमों का खुला उल्लंघन दर्शाता है. मोबाइल फोन जेल परिसर में पूरी तरह प्रतिबंधित है, फिर भी आरोपी बिना किसी रोकटोक के इसका उपयोग करता दिखा.

अंश पंडित पर गंभीर आरोप हैं. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) के घर में घुसकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. यह घटना जिले में अपराधियों के हौसले को बुलंद करने वाली बताई जा रही है. अंश पंडित पहले से ही जिलाबदर घोषित है, जिसका मतलब है कि वह जिले में प्रवेश करने पर प्रतिबंधित है. फिर भी, जेल पहुंचने से पहले ही उसका यह वीडियो सामने आना पुलिस की लापरवाही को उजागर करता है.

पुलिस संरक्षण का आरोप : प्रधान आरक्षक पर शक

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद जिले में हड़कंप मच गया. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कोतवाली थाने के प्रधान आरक्षक छत्रपाल सिंह ने प्रतिबंधित क्षेत्र में आरोपी को मोबाइल फोन की सुविधा उपलब्ध कराई थी. यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि पुलिसकर्मी ने आरोपी को संरक्षण दिया, जिससे जेल कैंपस में ऐसी बेईमानी हो सकी. वीडियो में आरोपी का बेफिक्र अंदाज देखकर स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया है.

इस घटना ने छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विपक्षी दल भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधने की तैयारी में हैं. आईजी का सख्त रुख घटना की जानकारी मिलते ही सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

केंद्रीय जेल अंबिकापुर पहले भी कई विवादों में घिर चुकी है. हाल ही में जेल में कैदियों की प्रताड़ना के आरोप लगे थे, जिसके बाद चार जेल प्रहरी बर्खास्त कर दिए गए थे. लेकिन इस बार का मामला पुलिस और जेल प्रशासन की सांठगांठ को इंगित करता है, जो राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है.

ATD News
Author: ATD News

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