अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान को लेकर उत्साह का माहौल है. सरगुजा जिले के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हो रहा है, खासकर जिला अध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति की सरगर्मियों के बीच. अंबिकापुर के राजीव भवन में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में झारखंड के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने स्पष्ट संकेत दिए कि अब नेतृत्व चयन की प्रक्रिया पारंपरिक तरीके से ऊपर से थोपी जाने वाली नहीं रहेगी. इसके बजाय जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की राय-शुमारी पर आधारित होगी. राजेश ठाकुर, जो सरगुजा और जशपुर जिलों के एआईसीसी पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त हैं, ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “अब नेतृत्व का चयन ऊपर से नहीं, बल्कि जमीनी कार्यकर्ताओं की राय सुमारी से होगा. जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का फॉर्मूला अपनाया जाएगा.” यह बयान कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत अपनाई जा रही नई रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पार्टी को अधिक समावेशी और युवा-केंद्रित बनाना है. ठाकुर ने जोर देकर कहा कि यह अभियान केवल पदों के बंटवारे का नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगा.
बैठक में पूर्व उप-मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, धनेंद्र साहू सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. टीएस सिंहदेव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हालिया विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता है. उन्होंने अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में संदिग्ध वोटरों की जांच का जिक्र किया, जहां प्रारंभिक जांच में 630 से अधिक डुप्लीकेट वोटर पाए गए हैं. सिंहदेव ने कहा, “वोट चोरी के आरोपों की सच्चाई सामने लाना हमारा संकल्प है, और संगठन सृजन अभियान इसी दिशा में एक कदम है.”
50% नए और युवा चेहरों को प्राथमिकता…कांग्रेस ने संगठन सृजन अभियान के तहत स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इनमें 50 प्रतिशत नए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां देने और 50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को प्राथमिकता देने का प्रावधान है. यह कदम पार्टी को नई पीढ़ी के नेतृत्व के साथ जोड़ने का प्रयास है. छत्तीसगढ़ में यह अभियान सितंबर से शुरू हो चुका है.
सरगुजा कांग्रेस का नया चेहरा : कौन बनेगा जिला अध्यक्ष..? संगठन सृजन अभियान के तहत सरगुजा जिला अध्यक्ष का चयन जल्द ही होगा. संभावित उम्मीदवारों में युवा और आदिवासी पृष्ठभूमि के नेता प्रमुख हैं, क्योंकि जिले की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी आदिवासी है. कांग्रेस कार्यकर्ता इस बदलाव से उत्साहित हैं.





