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October 9, 2025 9:26 pm

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“बिरला ओपन माइंड स्कूल का कारनामा : शिक्षा के नाम पर डकैती, प्रबंधन की लूट से शिक्षा विभाग की नींद उड़ी!”

अंबिकापुर. सरगवां क्षेत्र में स्थित बिरला ओपन माइंड स्कूल पर अभिभावकों से महंगी किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए बनाए गए आर्थिक दबाव के मामले में जिला शिक्षा विभाग ने कड़ा कदम उठाया है। स्कूल प्रबंधन पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है और भविष्य में ऐसी अनियमितताएं पाए जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी गई है।

शिकायत और जांच का आधार

मामला तब सामने आया जब अभिभावक राहुल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज की। शिकायत में बताया गया कि स्कूल प्रबंधन एनसीईआरटी और एससीईआरटी की पुस्तकों के बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें अभिभावकों को खरीदने के लिए बाध्य कर रहा है। इसके अलावा, स्कूल की ड्रेस और किताबें केवल एक विशेष दुकान से खरीदने की अनिवार्यता थी, जिससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा था। उदाहरण के तौर पर, नर्सरी की 24 पन्नों की किताब 650 रुपए में बेची जा रही थी।

शिकायत के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) दिनेश कुमार झा ने मामले की जांच के आदेश दिए। जांच मणिपुर हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य द्वारा की गई।

जांच में सामने आईं अनियमितताएं

जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। स्कूल की छत्तीसगढ़ बोर्ड से संबद्धता होने के बावजूद वहां राज्य द्वारा मान्य एनसीईआरटी और एससीईआरटी की किताबों का उपयोग नहीं किया जा रहा था। इसके बजाय निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें बच्चों को बेची जा रही थीं। जांच में किताबों की कीमतें इस प्रकार पाई गईं:

नर्सरी: 2,946 रुपए

यूकेजी: 4,508 रुपए

कक्षा 5: 6,517 रुपए

कक्षा 8: 7,576 रुपए

इसके अलावा, नर्सरी से यूकेजी तक की ड्रेस की कीमत 4,300 रुपए थी। जांच में यह भी सामने आया कि किताबें और ड्रेस केवल एक निजी फर्म से उपलब्ध थीं, जिसे स्कूल प्रबंधन द्वारा अनुचित लाभ कमाने की मंशा से जोड़ा गया।

स्कूल प्रबंधन का जवाब असंतोषजनक

जांच के बाद स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया, लेकिन उनका जवाब असंतोषजनक पाया गया। डीईओ दिनेश कुमार झा ने स्पष्ट किया कि स्कूल प्रबंधन की यह कार्यशैली अभिभावकों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी गतिविधियां दोहराए जाने पर स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।

अभिभावकों में राहत, स्कूलों पर नकेल की मांग

इस कार्रवाई से अभिभावकों में राहत की भावना है। कई अभिभावकों ने निजी स्कूलों द्वारा किताबों और ड्रेस की खरीद के नाम पर की जा रही मनमानी पर रोक लगाने की मांग की है। अभिभावक राहुल अग्रवाल ने कहा, “हमारी शिकायत पर कार्रवाई होने से अन्य स्कूलों को भी सबक मिलेगा। निजी स्कूलों को अभिभावकों की मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाहिए।”

आगे की कार्रवाई

जिला शिक्षा विभाग ने अन्य स्कूलों को भी चेतावनी दी है कि वे निर्धारित नियमों का पालन करें और अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक दबाव न डालें। विभाग ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार और शिक्षा बोर्ड के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने निजी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और शिक्षा विभाग की निगरानी को और सख्त करने की जरूरत को रेखांकित किया है।

ATD News
Author: ATD News

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