अंबिकापुर. सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रवई जाटासेमर में बुनियादी सुविधाओं की कमी ने एक बार फिर विकास के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल दी. प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को सड़क और पुल-पुलिया के अभाव में करीब 1.5 किलोमीटर तक कांवर (झेलगी) में ढोकर नदी पार कर एंबुलेंस तक लाया गया, ताकि उसे धौरपुर अस्पताल पहुंचाया जा सके. यह घटना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल स्थिति को उजागर करती है, बल्कि स्थानीय विधायक प्रबोध मिंज द्वारा चुनाव से पहले किए गए विकास के लाख दावों पर भी सवाल उठाती है.
कांवर में ढोई गई गर्भवती, नदी पार कर पहुंची अस्पताल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रवई जाटासेमर गांव में एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई. गांव तक सड़क नहीं होने के कारण परिजनों को उसे कांवर में लादकर 1.5 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा. इस दौरान नदी पार करने की चुनौती भी सामने आई, जिसे ग्रामीणों ने कांवर के सहारे पार किया. कठिन परिस्थितियों में महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया गया, जिसके बाद उसे धौरपुर अस्पताल ले जाया गया.
पहली बार नहीं, बार-बार सामने आ रही ऐसी तस्वीरें…
यह कोई पहली घटना नहीं है. सरगुजा जिले से ऐसी कई तस्वीरें और खबरें पहले भी सामने आ चुकी हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलिया, और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को दर्शाती हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के मौसम में स्थिति और बदतर हो जाती है, जब पगडंडियां और नदियां उफान पर होती हैं, जिससे अस्पताल पहुंचना जानलेवा चुनौती बन जाता है.
चुनावी वादों पर उठे सवाल…
लुण्ड्रा विधानसभा के विधायक प्रबोध मिंज ने चुनाव से पहले क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के बड़े-बड़े वादे किए थे. हालांकि, इस घटना ने उनके दावों की हकीकत को सामने ला दिया. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क और पुल-पुलिया के निर्माण के लिए कई बार मांग उठाई गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस घटना ने न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि यह भी सवाल उठाया है कि आखिर कब तक ग्रामीण क्षेत्रों को बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ेगा.
बरहाल अब देखने वाली बात है की क्या इन ग्रामीणों की समस्याओं पर किस तरह दूर की जाती है यह आने वाले समय में पता चल जाएगा.





