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November 24, 2025 12:19 am

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धूल खाती फाइल आगे बढ़ी,लेकिन अंतिम स्तर पर मामला अटका..सरकार चाहे तो प्रक्रिया 1 माह में हो सकता है पूर्ण

रायपुर. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में राजस्व एवं भू-अभिलेख विभाग में एक बड़ा प्रशासनिक सुधार करते हुए नायब तहसीलदार और तहसीलदार पदों पर सहायक अधीक्षक भू अभिलेख और अधीक्षक को समायोजित कर दिया है, यह निर्णय प्रशासनिक ढांचे के सरलीकरण और संसाधनों के कुशल उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ में भी इसी प्रकार का प्रस्ताव कई वर्षों पूर्व विचाराधीन रहा, जिसमें सभी संभागों से रिपोर्ट मंगाई गई थी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से वह प्रस्ताव अब तक ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. इससे विभाग के भीतर असंतोष की भावना उत्पन हो रही है.

समान वेतन, समान कार्य..फिर भी दोहरी व्यवस्था क्यो…?
वहीं माने तो राजस्व विभाग के जानकारों का यह कहना है,कि नायब तहसीलदार और सहायक अधीक्षक भू अभिलेख, तहसीलदार और अधीक्षक, इन दोनों श्रेणियों के बीच का कार्य और वेतनमान में कोई ठोस अंतर नहीं है. फिर भी प्रशासनिक पदों की दृष्टि से एक को “राजस्व अधिकारी” और दूसरे को केवल “तकनीकी सहायक” के रूप में देखा जाता है, जो सेवा संतुलन और पदोन्नति प्रक्रिया में असमानता पैदा कर रही है,जो किसी सेे हजम नहीं हो रहा.

तकनीक ने बदला कार्य का स्वरूप…भू-अभिलेख में मैनुअल नापजोख की जगह अब डिजिटल सर्वे, जीआईएस मैपिंग और ड्रोन तकनीक का प्रयोग आम हो चुका है. इससे न केवल मैनुअल कार्यों में भारी कमी आई है, बल्कि तकनीकी स्टाफ की उपयोगिता अब पहले जैसी नहीं रही. इस स्थिति में सहायक अधीक्षकों और अधीक्षकों का पृथक पद बनाए रखना वित्तीय और प्रशासनिक बोझ ही कहा जा सकता है.

मांग..मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी समायोजन हो….
छत्तीसगढ़ राज्यभर में कार्यरत सहायक अधीक्षक भूगोल और अधीक्षकों ने मांग की है,कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार भी मध्य प्रदेश की तर्ज पर जल्द निर्णय लेकर उन्हें राजस्व पदों पर समायोजित करे, जिससे न केवल प्रशासनिक व्यय में कटौती होगी, बल्कि विभागीय संतुलन भी कायम होगा.

लंबित फाइलों को मिले दिशा
राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि “इस विषय में कई बार फाइल आगे बढ़ी है लेकिन अंतिम स्वीकृति स्तर पर मामला अटका हुआ है. यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो यह प्रक्रिया 1 माह में पूरी की जा सकती है”

बरहाल अब देखना यह होगा कि मध्य प्रदेश के इस सुधारात्मक कदम से छत्तीसगढ़ सरकार कोई ठोस कदम ले पाती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी,फिलहाल तो यहां की फाइलें धूल खा रही हैं और अधिकारी सिर्फ इंतज़ार करते अपने उमर गुजार रहे हैं.

ATD News
Author: ATD News

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