सरगुजा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जनमन योजना के तहत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले कोरवा जनजाति के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने जनमन योजना के तहत कई योजनाएं संचालित की जा रही है, इस योजना अंतर्गत कोरवा जनजाति के लोगों को प्रधानमंत्री आवास,शौचालय निर्माण,पक्की सड़क, सहित अन्य मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराना मुख्य उद्देश्य है.
वही जनमन योजना अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्य में अधिकारियों और ठेकदारों द्वारा मिलीभगत कर जमकर भ्रटाचार किया जा रहा है. कुछ ऐसा ही मामला लुण्ड्रा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलदगी में देखने को मिला है, जहां जनमन योजना के तहत बने डामरीकरण सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है, अधिकारियों और ठेकेदार के लापरवाही के कारण तीन माह पहले बने डामरीकरण सड़क में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, सड़क की स्थिति को देखकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत ग्राम बेलदगी मुख्य मार्ग से मुड़ापारा तक 83.93 लाख की लागत राशि से लंबाई 1.215 किमी का निर्माण कार्य ठेकेदार मेसर्स नित्यानंद सिंह मायापुर अंबिकापुर के द्वारा 20.3.2025 को घटिया स्तर का निर्माण कार्य किया गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पीएम जनमन के अधिकारियों और ठेकेदार ने मिली भगत कर डामरीकरण सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. निर्माण कार्य पूर्ण होने के तीन माह के बाद ही सड़क के बीचो-बीच बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है और सड़क उखाड़ना शुरू हो गया है. यह सड़क पहली बारिश भी झेल नहीं पाया, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी और ठेकेदार के द्वारा किस स्तर का सड़क निर्माण किया गया होगा.

डामरीकरण सड़क निर्माण के बाद बनाया जा रहा रिटर्निंग वॉल,ग्राम बेलदगी की मुख्य मार्ग से मुड़ापारा तक डामरीकरण सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद नियमों को ताक पर रख रिटर्निंग वाल का निर्माण किया जा रहा है. रिटर्निंग वॉल निर्माण कार्य से पहले ही सड़क के किनारे की मिट्टी कटाव होना शुरू हो गया है. ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सड़क के लेवल तक रिटर्निंग वाल का निर्माण नहीं किया जाएगा तब तक मिट्टी का कटाव होता रहेगा और सड़क पूरी तरीके से टूट जाएगा.
बरहाल अब देखने वाली बात होगी कि भ्रष्टाचारियों पर किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है,या फिर कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर दिया जाएगा, जिसका खमियाजा स्थानीय लोगों सहित राहगीरों को भुगतना पड़ेगा.
जनता इस उम्मीद में अपना बहुमूल्य वोट जनप्रतिनिधियों को देती है,की उनकी क्षेत्र का विकास बेहतर हो सके, लेकिन यहां विकास के नाम पर भ्रष्टाचार करने से ये बाज नहीं आते,और जिसका खमियाजा लोगों को उठाना पड़ता है.





