सरगुजा. सरगुजा संभाग में हुए युक्ति युक्तकरण में खामियों को लेकर संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग व जिला शिक्षा अधिकारी एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ना शुरू कर दिए हैं. कहीं एलबी शिक्षक को अतिशेष से बाहर कर दिया जाता है, तो कही गुमनाम शिक्षक का नाम युक्ति युक्तकरण में जिले से बाहर कर दिया गया है. ऐसे अधिकारियों पर सरकार आंख बंद किए हैं, जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी का मंत्री व विधायकों से मिलना…युक्ति युक्तकरण की सूची में हुई गड़बड़ी के साथ चहेतों को बचाने का काम जिला शिक्षा अधिकारी एके सिन्हा के साथ सयुक्त संचालक शिक्षा विभाग हेमंत उपाध्याय के द्वारा किया गया. अब युक्ति युक्तकरण में फसे मंत्री व विधायकों के चहेतों को बचाना और मनचाहा स्थान देने को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी रात 8:00 बजे सीतापुर विधायक रामकुमार के अंबिकापुर निवास के चक्कर लगा रहे थे. हमने पूछा आप यहाँ क्या कर रहे हैं, तो उन्होंने असहज महसूस करते हुए गाड़ी में बैठकर चलते बने.
युक्ति युक्तकरण में लापरवाही…शिक्षा विभाग की लापरवाही तो देखिए उदयपुर के माध्यमिक शाला सलका में रामचरण सिदार नाम के शिक्षक की युक्ति युक्तकरण में जशपुर जिले के बगीचा विकास खंड के सोनगेरसा पदस्थापना कर दी गई है. लेकिन इस नाम के शिक्षक कभी सलका माध्यमिक शाला में नही रहे. सूची तैयार करने में हुए गड़बड़ी को लेकर सयुक्त संचालक शिक्षा विभाग हेमंत उपाध्याय ने बताया कि जिले से सूची आती हैं, जिसके बाद मेरे द्वारा हस्ताक्षर किया जाता हैं, तो ऐसे में जो जिला शिक्षा अधिकारी मंत्री व विधायको के बंगले के चक्कर रात में लगाएंगे तो हाल तो यही रहेगा. जब जिला शिक्षा अधिकारी के विधायक के बंगले से निकले और गुमनाम शिक्षक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देख रहे हैं और जो होगा देखेंगे.
जिले में मचा भर्राशाही…सरगुजा संभाग में शिक्षा व्यवस्था से लेकर युक्ति युक्तकरण में कोई बेहतर परिणाम देखने को नहीं मिल रहा है. यही वजह है कि जिले में भर्राशाही मचा हुआ है. जिले के कलेक्टर युक्ति युक्तकरण के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं, और युक्ति युक्तकरण में सूची तैयार करने के बाद अनुमोदन के लिए सरगुजा कलेक्टर की अहम भूमिका रहती है. ऐसे में सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर पर भी सवाल खड़े होते हैं कि युक्ति युक्तकरण में इस तरह की लापरवाही सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए काफी होगा. अधिकारियों का क्या है किसी की भी सरकार रहे काम तो करना ही है, अपना क्या जाएगा. लेकिन इस बात को सत्ता में बैठे लोगों को सोचना होगा, वरना इसका खामियाजा भुगतना ना पड़े.
जिले में सत्ता पक्ष के नेताओ की दखलंदाजी…युक्ति युक्तकरण को लेकर शुरू से ही कांग्रेस ने सवाल उठाया है, और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में बीईओ कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया. लेकिन जिले के भाजपा नेताओं से लेकर विधायक, मंत्री इस मामले में चुप्पी साधे हुए है, अब इन्हें इंतजार 2028 विधानसभा चुनाव का रहेगा. जब घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे, क्योंकि अंबिकापुर विधानसभा चुनाव की तैयारी अब ऐसे नेता भी करने लगे हैं जो छत्तीसगढ़ के शीर्ष नेतृत्व में अच्छी पकड़ रखने वाले हैं. इनकी दखलंदाजी नही दिखाने से साफ हो गया कि सत्त्ता का सुख चाहिए. जनता की तकलीफ से कोई लेना देना नहीं.





