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November 23, 2025 7:05 pm

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अंबिकापुर सेंट्रल जेल से दो बंदी फरार : दीपावली की रात मेडिकल कॉलेज वार्ड से भाग निकले, पुलिस तलाश में जुटी

अंबिकापुर. सरगुजा सेंट्रल जेल के दो विचाराधीन बंदी दीपावली की रात को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जेल वार्ड से फरार हो गए। दोनों बंदी स्वास्थ्य खराब होने के कारण यहां भर्ती थे। घटना की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया। फरार बंदियों की तलाश के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। यह मामला मणिपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

जानकारी के अनुसार, सेंट्रल जेल में बंद रितेश सारथी (निवासी ग्राम अंधला, लखनपुर) और पवन पाटिल (निवासी ग्राम जमड़ी, भैयाथान, सूरजपुर) को बीमारी के चलते अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया गया था। दीपावली की रात लगभग 3 बजे दोनों चुपके से वार्ड से बाहर निकले और भाग गए। सुरक्षाकर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। सुबह जब वार्ड में जांच हुई तो दो बंदी गायब पाए गए, जिसके बाद अधिकारियों को सूचित किया गया।

हड़कंप मचा, तलाश अभियान तेज…मेडिकल कॉलेज के जेल वार्ड में कुल चार बंदी इलाजरत थे। दो के गायब होने की खबर फैलते ही पूरे अस्पताल और जेल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। जेल अधीक्षक अक्षय राजपूत ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस को तुरंत सूचना दे दी गई है। दोनों फरार बंदियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई है और आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है।

फरार हुए बंदियों में रितेश सारथी को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था, जबकि पवन पाटिल एनडीपीएस एक्ट का आरोपी है। पवन को मूल रूप से सूरजपुर जेल से अंबिकापुर स्थानांतरित किया गया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य सुरागों की जांच की जा रही है, ताकि भागने के रूट का पता लगाया जा सके।

एक पखवाड़े में दूसरी ऐसी घटना…यह घटना पिछले एक पखवाड़े में बंदियों के फरार होने की दूसरी वारदात है। इससे पहले 4 अक्टूबर को बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम मल्हार निवासी मुकेश कांत जेल वार्ड से भाग निकला था। हत्या के मामले में सजायाफ्ता मुकेश को बिलासपुर जेल से अंबिकापुर शिफ्ट किया गया था। फरार होने के दो दिन बाद उसने बिलासपुर पुलिस के सामने सरेंडर किया, लेकिन पुलिस द्वारा जेल न भेजे जाने पर वह फिर भाग गया और सेनेटाइजर पीकर अस्पताल में भर्ती हो गया।

जेल में वसूली के आरोप, तीन कर्मचारी बर्खास्त…इससे जुड़े एक अन्य मामले में, फरार मुकेश कांत की पत्नी अमेरिका बाई कुर्रे ने कलेक्टर से शिकायत की थी कि जेल के कुछ अधिकारी और कर्मचारी उसके पति से पैसे की मांग करते थे। पैसे न देने पर जातिगत अपशब्द कहते और शारीरिक-मानसिक यातना देते थे। यहां तक कि बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा जाता था। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि पति की जान बचाने के लिए उन्होंने विभिन्न तारीखों में फोन-पे और नकद के माध्यम से 70-80 हजार रुपये दिए, लेकिन उत्पीड़न नहीं रुका।

जेल प्रबंधन ने जांच के बाद अंबिकापुर सेंट्रल जेल के तीन कर्मचारियों को रायपुर मुख्यालय द्वारा बर्खास्त कर दिया है। इस घटना ने जेल सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल को और मजबूत किया जाएगा।

ATD News
Author: ATD News

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