अंबिकापुर. 16 अक्टूबर 2025 – दीपावली के पावन पर्व की धूम में घुली मिलावट की आशंका को भांपते हुए सरगुजा जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एक्शन मोड में आते हुए विशेष जांच अभियान तेज कर दिया है। जिले भर में फैलकर टीमें मिलावटी खाद्य पदार्थों पर नजर रख रही हैं, खासकर मिठाई, दूध और खोवा जैसे प्रमुख सामग्रियों पर। रोड पर दूध व्यवसायियों को रोककर उनकी सप्लाई की जांच की जा रही है, ताकि उपभोक्ताओं को शुद्ध और सुरक्षित भोजन मिल सके।
त्यौहारों के बीच मिलावट पर लगाम लगाने का अभियान…
दीपावली के मद्देनजर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने जिले के सभी प्रमुख बाजारों, डेयरी और मिठाई दुकानों में व्यापक निरीक्षण शुरू कर दिया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान 10 अक्टूबर से चल रहा है और 5 नवंबर तक जारी रहेगा। मुख्य फोकस मिठाई, दूध उत्पादों, खोवा, पनीर, घी और नमकीन जैसी वस्तुओं पर है, जहां मिलावट की संभावना सबसे अधिक रहती है।
अभियान के तहत अब तक 50 से अधिक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें 25 से ज्यादा नमूने लैब जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। एक अधिकारी ने बताया, “हमारा उद्देश्य है कि दीपावली की खुशियों में कोई मिलावट का कड़वा स्वाद न घुले। दूध में यूरिया, डिटर्जेंट या पानी की मिलावट, तथा खोवा में सिंथेटिक रंगों का उपयोग आम समस्या है। इनकी रोकथाम के लिए टीमें रैंडम चेकिंग कर रही हैं।”
रोड पर दूध व्यवसायियों की सघन जांच
बुधवार को अंबिकापुर के मुख्य चौराहों और हाईवे पर विभाग की टीमें सक्रिय रहीं। दूध के टैंकरों और वाहनों को रुकवाकर सैंपल लिए गए। एक दूध व्यवसायी के वाहन से संदिग्ध दूध का सैंपल कलेक्ट किया गया, जो लैब में जांच के बाद आगे की कार्रवाई का आधार बनेगा। इसी तरह, खोवा सप्लायर्स की दुकानों पर छापेमारी में 10 किलो संदिग्ध खोवा जब्त किया गया।
विभाग के सहायक आयुक्त ने कहा, “हम न केवल दुकानों तक सीमित हैं, बल्कि सप्लाई चेन के हर स्तर पर नजर रख रहे हैं। रोड चेकिंग से मिलावट की जड़ को काटा जा सकता है। यदि कोई नमूना फेल होता है, तो तत्काल एफआईआर दर्ज कर जुर्माना लगाया जाएगा।”
छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा आयुक्त के निर्देशानुसार, यह अभियान पूरे राज्य में चल रहा है। राज्य स्तर पर अब तक सैकड़ों नमूने जांचे जा चुके हैं, और मिलावटी सामग्री जब्त कर नष्ट की गई है। अंबिकापुर में भी इसी क्रम में टीमें अलर्ट पर हैं।





