अम्बिकापुर. क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर देशभर में लाखों निवेशकों को ठगने वाले ‘मिस्टर मिंट क्रिप्टोकरेंसी’ घोटाले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. महाराष्ट्र की मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अम्बिकापुर शहर से फरार आरोपी बलविंदर सिंह छाबड़ा को गिरफ्तार कर लिया. बलविंदर इस घोटाले में डायरेक्टर के रूप में शामिल था और कथित तौर पर अरबों रुपये की ठगी में उसकी अहम भूमिका मानी जा रही है. गिरफ्तारी के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर मुंबई रवाना कर दिया गया है.
घोटाले का काला अध्याय : लेन-देन के नाम पर निवेशकों की लूट…
जांच एजेंसियों के अनुसार, ‘मिस्टर मिंट क्रिप्टोकरेंसी’ एक कथित निवेश प्लेटफॉर्म था, जो सोशल मीडिया और ऐप्स के जरिए लोगों को आकर्षित करता था. कंपनी के मालिकाना हक वालों ने दावा किया था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से 200-300 प्रतिशत तक का त्वरित रिटर्न मिलेगा. निवेशक अपनी कमाई को ‘मिंट’ नामक वर्चुअल करेंसी में बदलकर ट्रेडिंग करते, लेकिन प्लेटफॉर्म अचानक बंद हो गया. इसके बाद निवेशक न तो अपना मूलधन निकाल पाए और न ही मुनाफा. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले से जुड़े लेन-देन में विदेशी वॉलेट्स और म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल किया गया, जिससे पैसे कंबोडिया और दुबई जैसे देशों में ट्रांसफर हो गए.
मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह घोटाला पैन-इंडिया स्तर का है. बलविंदर सिंह छाबड़ा अम्बिकापुर के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखता है और स्थानीय स्तर पर बिजनेस करता था. वह कंपनी का डायरेक्टर था, जो निवेशकों को झांसे में लेकर फर्जी ट्रांजेक्शन दिखाता था. उसके खाते से जुड़े कई म्यूल अकाउंट्स से करोड़ों रुपये ट्रांसफर हुए हैं.” अधिकारी ने यह भी कहा कि घोटाले का मुख्य मास्टरमाइंड अभी फरार है, लेकिन बलविंदर की पूछताछ से कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है.
छापेमारी में दबोचा गया आरोपी…
सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस को बलविंदर की लोकेशन की टिप मिली थी. मंगलवार की सुबह अम्बिकापुर के उसके निवास पर अचानक छापेमारी की गई. बलविंदर घर पर ही था, जब पुलिस टीम ने उसे हिरासत में ले लिया. उसके पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच चल रही है.
निवेशकों की चीखें : अरबों की ठगी, सैकड़ों बर्बाद…
घोटाले से प्रभावित निवेशकों की संख्या 5,000 से अधिक बताई जा रही है. ज्यादातर शिकार मध्यम वर्ग के युवा और रिटायर्ड लोग हैं, जिन्होंने 10,000 से लेकर 50 लाख रुपये तक निवेश किए थे. यह मामला क्रिप्टोकरेंसी घोटालों की बढ़ती श्रृंखला का हिस्सा है. हाल ही में हैदराबाद में 200 करोड़ का कोइंजेक्स घोटाला और पुडुचेरी में 100 करोड़ का मल्टी-स्टेट फ्रॉड सामने आया है.
आगे की कार्रवाई : मुंबई में पूछताछ, नए खुलासे की उम्मीद…
बलविंदर को मुंबई ले जाया जा चुका है, जहां साइबर सेल की विशेष टीम उससे सख्ती से पूछताछ करेगी. पुलिस को शक है कि घोटाले में कई अन्य अम्बिकापुर और छत्तीसगढ़ के लोग शामिल हो सकते हैं. साथ ही, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भी सूचित किया गया है, क्योंकि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल जुड़ सकता है.
सावधानियां : क्रिप्टो निवेश से पहले जांचें
हमेशा एसईबीआई रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म चुनें.
उच्च रिटर्न का वादा करने वाले ऐप्स से दूर रहें.
निवेश से पहले कंपनी के दस्तावेज और रिव्यूज चेक करें.
साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत करें.
यह गिरफ्तारी क्रिप्टो घोटालों पर लगाम कसने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है. मामले में नए अपडेट्स के लिए बने रहें.
