Explore

Search

October 10, 2025 2:00 am

[the_ad id="14531"]
लेटेस्ट न्यूज़

ब्रेकिंग : नवरात्रि के प्रथम दिन माँ महामाया मंदिर में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़, सुबह से हो रही माँ शैलपुत्री की विशेष पूजा

अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के हृदय स्थल अम्बिकापुर में शारदीय नवरात्रि का शुभ आरंभ हो गया है. इस पावन पर्व के प्रथम दिन माँ महामाया मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह के प्रारंभिक घंटों से ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं, और मंदिर परिसर में भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है. सरगुजा की आराध्य देवी माँ महामाया का यह प्राचीन मंदिर, जो अम्बिकापुर शहर का नामकरण भी इन्हीं देवी के नाम पर हुआ है, नवरात्रि के नौ दिनों तक भक्तों का प्रमुख केंद्र बनेगा.

इस वर्ष नवरात्रि का आरंभ 22 सितंबर से हो चुका है, जो 2 अक्टूबर तक विजयादशमी के साथ समापन होगा. विशेष रूप से इस बार नवरात्रि 10 दिनों की होने के कारण भक्तों को माता के दर्शन का अतिरिक्त अवसर मिलेगा. पितृ पक्ष की तिथि वृद्धि के कारण यह समायोजन हुआ है, जो ज्योतिष शास्त्र में दुर्लभ माना जाता है। माता का आगमन हाथी पर और प्रस्थान मनुष्य की सवारी पर होगा, जो सुख-समृद्धि के संकेत देता है.

माँ शैलपुत्री की पूजा : नवरात्रि का प्रारंभिक स्वरूप
नवरात्रि के नौ (या इस वर्ष दस) दिनों में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की परंपरा है. प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की आराधना का विशेष महत्व है. शैलपुत्री, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं, त्रिनेत्र वाली हैं और उनके चार भुजाएं हैं. एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में कमल का फूल धारण किए हुए, वे वृषभ (बैल) पर सवार होती हैं. यह रूप शांति, समृद्धि और शक्ति का प्रतीक है. भक्तों द्वारा मंत्र जाप “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः” के साथ पूजा की जा रही है.

मंदिर में कलश स्थापना के बाद सुबह से ही विशेष पूजा-अनुष्ठान चल रहे हैं. कुम्हार और चेरवा जनजाति के बैगा द्वारा मूर्ति का जलाभिषेक किया गया है. माँ महामाया की प्रतिमा छिन्नमस्ता रूप में विराजमान है, और उनके बगल में विंध्यवासिनी देवी की उपस्थिति भक्तों को आकर्षित कर रही है. मंदिर परिसर को फूलों, दीपकों और रंग-बिरंगे सजावट से सजाया गया है, जहां घी और तेल के दीपक जलाए जा रहे हैं.

भक्तों की भारी भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था
देर सुबह से मंदिर पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है. शहर के विभिन्न हिस्सों से परिवारों सहित भक्त माता का आशीर्वाद लेने आ रहे हैं. नवरात्रि के दौरान मंदिर में झंडा चढ़ाने, मनोकामना पूर्ति के लिए व्रत रखने और सामूहिक भजन-कीर्तन का आयोजन होगा. स्थानीय प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है, जिसमें ट्रैफिक नियंत्रण, पार्किंग सुविधा और चिकित्सा सहायता शामिल है.
नवरात्रि के आगमन पर ज्योतिषियों के अनुसार, इस वर्ष अमृत योग का निर्माण हो रहा है, जो वर्ष भर सुख-समृद्धि और अतिवृष्टि का संकेत देता है. भक्तों से अपील की गई है कि वे मास्क पहनें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.
नवरात्रि का महत्व और आगे की तैयारियां
शारदीय नवरात्रि असुरों के संहार और देवी शक्ति की आराधना का प्रतीक है. सरगुजा क्षेत्र में माँ महामाया को कौशल्या नगरी की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है. मंदिर के इतिहास के अनुसार, यह पूर्वी पहाड़ी पर स्थित प्राचीन स्थल है, जहां 12वीं शताब्दी से कल्चुरी राजाओं द्वारा पूजा-अर्चना की जाती रही है. नवरात्रि के शेष दिनों में ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा आदि रूपों की पूजा होगी, जो भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करेगी.
यदि आप भी माता के दर्शन के इच्छुक हैं, तो मंदिर समय पर पहुंचें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें.

ATD News
Author: ATD News

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर