रायपुर. छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए उप संचालक हेमंत उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हेमंत उपाध्याय, जो प्रभारी संयुक्त संचालक (मूल पद- उप संचालक) के रूप में कार्यरत थे, पर सरगुजा में तैनाती के दौरान स्वेच्छाचारिता और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप लगे हैं। निलंबन के बाद उन्हें लोक शिक्षण संचालनालय, रायपुर में अटैच किया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, हेमंत उपाध्याय के सरगुजा संभाग में प्रभारी संयुक्त संचालक के कार्यकाल के दौरान अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। आदेश में कहा गया है कि उपाध्याय ने अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में स्वेच्छाचारिता और अनुशासनहीनता दिखाई, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 के तहत गंभीर कदाचार माना गया है।
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 (1) (क) के तहत उपाध्याय को निलंबित करने का निर्णय लिया। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय लोक शिक्षण संचालनालय, रायपुर निर्धारित किया गया है। साथ ही, निलंबन काल में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।
नए प्रभारी की नियुक्ति
हेमंत उपाध्याय के निलंबन के बाद, संभागीय संयुक्त संचालक (शिक्षा), दुर्ग के पद का अतिरिक्त प्रभार आर.एल. ठाकुर, उप संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय को सौंपा गया है। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की गई है।

यह कार्रवाई शिक्षा विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में साय सरकार के कठोर रुख को दर्शाती है। हेमंत उपाध्याय के खिलाफ लगे आरोपों की जांच और निलंबन का निर्णय विभागीय अनियमितताओं पर नकेल कसने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस मामले में आगे की जांच और कार्यवाही की प्रक्रिया जारी रहेगी, जिसके आधार पर भविष्य में और निर्णय लिए जा सकते हैं। फिलहाल, यह कार्रवाई शिक्षा विभाग में सुशासन और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।





