अंबिकापुर. सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विकासखंड अंतर्गत डडगांव में संचालित ग्रेवल पब्लिक स्कूल (जिसे स्थानीय रूप से ग्रीएबल पब्लिक स्कूल के नाम से भी जाना जाता है) में शिक्षा विभाग के नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्कूल प्रबंधन नियमों को ताक पर रखकर संचालन कर रहा है, जबकि ब्लॉक स्तर के अधिकारी और स्कूल समन्वयक आंखें बंद कर इसकी मदद कर रहे हैं।
स्कूल में बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। विशेष रूप से, बच्चों के खेलने के लिए कोई मैदान नहीं है, जो कि शिक्षा विभाग की मान्यता प्राप्त करने के लिए अनिवार्य शर्तों में से एक है। इसके बावजूद, स्कूल को सरकारी मान्यता प्रदान कर दी गई है। स्थानीय निवासियों और अभिभावकों का कहना है कि यह मामला भ्रष्टाचार और लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है। एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमारे बच्चे यहां पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल में खेलकूद की कोई व्यवस्था नहीं है। अधिकारियों को कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी निजी स्कूल को मान्यता देने से पहले उसकी इमारत, शिक्षक-छात्र अनुपात, पुस्तकालय, प्रयोगशाला और खेल मैदान जैसी सुविधाओं की जांच की जाती है। छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग की गाइडलाइंस में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के स्कूलों में कम से कम 1000 वर्ग मीटर का खेल मैदान होना अनिवार्य है। लेकिन ग्रेवल पब्लिक स्कूल में ऐसी कोई सुविधा नहीं होने के बावजूद मान्यता कैसे मिली, यह सवाल उठ रहा है।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और स्कूल समन्वयकों पर आरोप है कि वे जानबूझकर आंखें बंद कर रखे हैं और स्कूल प्रबंधन की मदद कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर बड़े स्तर पर जांच की जाए, तो ऐसे कई स्कूलों की मान्यताएं रद्द हो सकती हैं, जो नियमों का पालन नहीं कर रहे। सरगुजा जिले में पहले भी स्कूलों में अनियमितताओं के मामले सामने आ चुके हैं, जैसे कि 2022 में एक शासकीय स्कूल में बास्केटबॉल ग्राउंड के निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला, जहां ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से काम अधर में लटक गया था।
लुण्ड्रा विकासखंड, जो सरगुजा जिले का हिस्सा है, आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां शिक्षा की स्थिति पहले से ही चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में, निजी स्कूलों में अनियमितताएं बच्चों के भविष्य को प्रभावित कर सकती हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ दिनेश कुमार झा से संपर्क करने पर उन्होंने कहा, “मामले की जानकारी आपके माध्यम से मिली है, जांच की जाएगी। अगर अनियमितताएं पाई गईं, तो सख्त कार्रवाई होगी।”
बरहाल अब देखना होगा कि ग्रेबल पब्लिक स्कूल पर कार्रवाई हो पाती है,या मामला ठंडे बस्ते में रहता है,यह आने वाले समय में पता चल ही जाएगा।
