रायपुर, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में मंगलवार को मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार हुआ। इस दौरान तीन नए विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें अंबिकापुर से विधायक राजेश अग्रवाल, दुर्ग शहर से गजेंद्र यादव और आरंग से खुशवंत साहेब शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, राजेश अग्रवाल को आबकारी विभाग सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि अन्य मंत्रियों के विभागों का बंटवारा जल्द ही घोषित किया जाएगा।
शपथ ग्रहण समारोह…
राजधानी रायपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में राज्यपाल के समक्ष तीनों विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मंत्रिमंडल में अब मुख्यमंत्री सहित कुल 14 मंत्री हो गए हैं, जो कि 90 विधानसभा सीटों वाले छत्तीसगढ़ में संवैधानिक सीमा (15%) के अनुरूप है।
राजेश अग्रवाल: कांग्रेस से भाजपा तक का सफर…
अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेश अग्रवाल का राजनीतिक सफर चर्चा में रहा है। उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को महज 94 वोटों के अंतर से हराकर सनसनी मचा दी थी। अग्रवाल मूल रूप से कांग्रेस से जुड़े थे और 2014 में लखनपुर नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता था। हालांकि, 2017 में वे भाजपा में शामिल हो गए और धीरे-धीरे पार्टी में अपनी मजबूत पैठ बनाई। उनकी यह जीत और अब मंत्रिमंडल में शामिल होना सरगुजा क्षेत्र में भाजपा की स्थिति को और मजबूत करने वाला माना जा रहा है।
आबकारी विभाग की जिम्मेदारी…
सूत्रों के मुताबिक, राजेश अग्रवाल को आबकारी विभाग के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार सौंपा गया है। आबकारी विभाग छत्तीसगढ़ में राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है, और इसकी जिम्मेदारी अग्रवाल को मिलना उनकी प्रशासनिक क्षमता पर भरोसे का प्रतीक है। इसके अलावा, अग्रवाल के नेतृत्व में अंबिकापुर में कई विकास परियोजनाओं को स्वीकृति मिली है, जिनमें 1000 सीटर ऑडिटोरियम, रेलवे स्टेशन से अंबेडकर चौक तक सड़क निर्माण और सेंट्रल लाइब्रेरी जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं।
अन्य मंत्रियों का प्रोफाइल…
दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव और आरंग से खुशवंत साहेब भी पहली बार विधायक बने और अब मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं। गजेंद्र यादव ने दुर्ग में मजबूत जनाधार के साथ अपनी पहचान बनाई है, जबकि खुशवंत साहेब ने कांग्रेस के कद्दावर नेता शिव डहरिया को हराकर सियासी हलचल मचाई थी। साहेब सतनामी समाज के प्रभावशाली धर्मगुरु गुरु बलदास गोसाई के बेटे हैं, और उनकी नियुक्ति से सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की गई है।
क्षेत्रीय और जातीय संतुलन…
मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा ने क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का विशेष ध्यान रखा है। सरगुजा, दुर्ग और रायपुर जैसे विभिन्न क्षेत्रों से मंत्रियों को शामिल कर क्षेत्रीय संतुलन बनाया गया है। साथ ही, बनिया और सतनामी समाज जैसे महत्वपूर्ण समुदायों को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समावेश पर जोर दिया गया है।
कार्यकर्ताओं में उत्साह…
मंत्रिमंडल विस्तार की खबर के बाद राजेश अग्रवाल के लखनपुर स्थित निवास पर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग गया। समर्थकों ने मिठाइयां बांटकर और भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाकर खुशी का इजहार किया। इसी तरह, गजेंद्र यादव और खुशवंत साहेब के क्षेत्रों में भी उत्साह का माहौल देखा गया।
मंत्रिमंडल विस्तार का महत्व…यह विस्तार बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने और दो अन्य पदों के खाली होने के बाद हुआ है। इससे पहले छत्तीसगढ़ में अधिकतम 13 मंत्रियों की परंपरा थी, लेकिन हरियाणा की तर्ज पर अब 14 मंत्रियों का मंत्रिमंडल बनाया गया है। यह कदम 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पार्टी की रणनीति को और मजबूत करने वाला माना जा रहा है।
आगे की राह…
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नए मंत्रियों के शामिल होने से सरकार और मजबूत होगी, और छत्तीसगढ़ के विकास को नई गति मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह विस्तार न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि 2028 के विधानसभा चुनाव के लिए भी भाजपा की स्थिति को सुदृढ़ करेगा।





