अंबिकापुर. रेंड नदी में घरेलू कार्य के लिए रेत लेने पहुंचे ट्रैक्टर चालकों को जेल भेजने और कार्रवाई की धमकी देकर एसडीएम ने रामगढ़ में भिजवाया रेत, मिट्टी धुलाई का कराया कार्य प्रशासनिक अधिकारी बने तानाशाह.
सरगुजा जिले में लंबे समय से रेत माफिया सक्रिय है,अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर अधिकारियों के द्वारा करवाई तो नहीं किया जाता है,लेकिन घरेलू कार्य के लिए रेत लेने नदी पहुंचे ट्रैक्टर चालकों को अंदर करने और कार्रवाई की धमकी देकर जबरन आधा दर्जन से अधिक ट्रैक्टर वाहनों में रेत भरकर रामगढ़ मंदिर पहुंचवाया गया है,यही नहीं मिट्टी धुलाई के कार्य में उन ग्रामीणों से कराया गया जो आज जन चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रशासनिक अधिकारी के तानाशाह रवैया से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है.
दरअसल पूरा मामला सरगुजा जिले के उदयपुर का है. रेंड नदी के जजगा और तराजू घाट में घरेलू कार्य के लिए रेत लेने पहुंचे ट्रैक्टर चालकों और ग्रामीणों को प्रशासनिक अधिकारियों ने अंदर करने और कार्रवाई की धमकी देते हुए ट्रैक्टरों में भरे रेत को रामगढ़ मंदिर में पहुंचवाया गया है, तो यही नहीं उन ट्रैक्टर चालकों कार्रवाई की धमकी देकर मिट्टी ढुलाई का कार्य भी लिया गया. अधिकारियों के द्वारा ट्रैक्टर चालकों और मजदूरों को पैसा भी नहीं दिया गया. जन सहयोग का कार्य कहकर उन्हें वापस भेज दिया और किसी को बताने पर कार्रवाई की धमकी भी दे डाली. जिसे लेकर ट्रैक्टर चालकों और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है. गौरतलब है कि रेत माफिया रेंड नदी जजगा, जजगी, चैनपुर, कवल गिरी, तराजू, जमगला, कोरजा सहित अन्य घाटों से रेंड जेसीबी मशीन पोकलेन के माध्यम से प्रतिदिन अवैध उत्खनन कर सैकड़ो वाहनों परिवहन किया जाता है ,परंतु इन अधिकारियों की हिम्मत नहीं होती है कि इन रेत माफियाओं पर कार्रवाई कर सकें सरगुजा जिला आदिवासी क्षेत्र होने से यहां के लोग भोले भाले हैं, जिन्हें डरा धमकाकर कर अधिकारी अपना कार्य कर लेते हैं.





