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November 23, 2025 10:53 pm

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ग्राम पंचायत की सील बना भ्रष्टाचार का औज़ार..उपसरपंच व सरपंच पति ने हाट बाजार में की अवैध वसूली

रवि शर्मा

कोरिया/सोनहत- ग्रामपंचायत सोनहत के कार्यालय की आधिकारिक सील का दुरुपयोग कर उपसरपंच एवं सरपंच के पति द्वारा हाट बाजार में दुकानदारों से सुविधा शुल्क के नाम पर अवैध वसूली का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोप है कि अप्रैल और मई माह में वसूली गई राशि को आज दिनांक खबर लिखे जाने तक ग्रामपंचायत के अधिकृत खाते में जमा नहीं किया गया है.

बाजार में लगभग साठ से पैंसठ पक्की दुकानों का निर्माण विगत दो-तीन वर्ष पूर्व कृषि मंडी बोर्ड के द्वारा कराया गया है, यहां दुकान लगाने वाले लगभग 40 से 45 दुकानदारों से से राशि वसूली गई। हमें प्राप्त हुई कुछ रसीदों के मुताबिक एक दुकानदार से दुकान क्रमांक -01 व 02 के नाम पर 2000 तो वहीं दुकान क्रमांक 03 व 04 एवं दुकान क्रमांक 05 व 06 के दुकानदार से ₹4000 की वसूली सुविधा शुल्क के नाम पर की गई,उपसरपंच और सरपंच पति ने ग्रामपंचायत की सील का उपयोग कर रसीदें भी जारी कीं, जिसमें बाकायदा अपने हस्ताक्षर भी किये जिससे वसूली को वैध दिखाने की कोशिश की गई.

दुकानदारों ने कहा पहली बार हुआ ऐसा..

दुकानदारों ने बताया कि हम सालों से यहां दुकान लगाते आ रहे हैं और अपने दुकान की सफाई भी हम स्वयं करवाते हैं सुविधा शुल्क के नाम पर यह वसूली पहली बार की गई है और सुविधा के नाम पर बाजार में कोई भी व्यवस्था नहीं है इस मामले को लेकर पंचायत क्षेत्र में भारी रोष है, और ग्रामीणों ने इस संबंध में जांच की माँग की है.

सचिव ने कहा मुझे नहीं है कोई जानकारी..

पंचायत सचिव रामलाल राजवाड़े जी से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई अधिकृत वसूली पंचायत के संज्ञान में नहीं है और न ही कोई राशि पंचायत खाते में जमा कराई गई है, और रसीद में जो सील आप दिखा रहे हैं उसमें मेरे दस्तखत नहीं है हाँ सील जरूर कार्यालय की है नियमानुसार उसमें मेरे हस्ताक्षर होने चाहिए थे.

ग्रामीणों की मांग — हो उच्चस्तरीय जांच..

ग्रामीणों और बाजार के दुकानदारों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही अवैध वसूली की गई राशि को तत्काल पंचायत खाते में जमा कराने की भी अपील की है.

कररोपण अधिकारी और जानकार वरिष्ठ सचिवों की राय अलग अलग-

इस मामले में विकासखंड के करारोपण अधिकारी जगरनाथ गुप्ता जी से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि सरपंच भी सील का प्रयोग कर सकता है, लेकिन सील लगाकर हस्ताक्षर करने के मामले में साहब गोलमोल जवाब देते नजर आए और संभवत घोटालेबाजों को का बचाव करने का प्रयास करते दिखे, सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार उन्होंने पंचायत के भ्रष्टाचार्यों को बचने का तरीका बता दिया है,कि किस प्रकार दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करनी है साहब ने तो बाकायदा हमारी भी सेटिंग कराने की बात ऑफर की थी और वीडियो में साफ कहते नजर आ रहे हैं कि मैंने सचिव से कहा है कि रिकॉर्ड के जिम्मेदार तुम हो इसलिए तुम भी फसोगे.
तो वहीं हमने ज़ब विकासखंड के एक दो जानकार वरिष्ठ सचिवों से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि जब कार्यालय की सील लग जाती है तो वह मामला प्रशासनिक हो जाता है और नियमानुसार उसमें सचिव के ही हस्ताक्षर होने चाहिए थे अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन के आला अधिकारी इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करते हैं या फिर मामला यूं ही रफा दफा कर दिया जाता है, क्योंकि राशि भी आज दिनांक तक पंचायत के खाते में जमा न होना एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है.

ATD News
Author: ATD News

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