अंबिकापुर. सरगुजा कलेक्टर के जनदर्शन में की गई शिकायत का 8 महीने बाद भी नहीं हुआ कोई निराकरण,अदानी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड एवं अन्य सहयोगी कंपनी में स्थानीय युवाओं को रोजगार पर भेदभाव,जंगल में अवैध कब्ज़ा कर कैंप बनाना, सहित अन्य मामले को लेकर किया गया था शिकायत.
दरअसल सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड परसा केते सालही घाटबर्रा हरिहरपुर एवं वन रेंज उदयपुर में संचालित कोयला खदान जिसमें वर्तमान में संचालित केते ईस्ट परसा खदान,(पीईकेबी) के प्रथम फेस तथा दूसरा फेस में रोजगार सहित कई मामले को लेकर जिला कलेक्टर के पास शिकायत किया गया, जिसमें कहा गया कि सृजित पद के कितने प्रतिशत में जिले के बेरोजगार लोगों को रोजगार दिया गया है, क्योंकि मिली जानकारी अनुसार स्थानीय बेरोजगारों को कम रोजगार तथा बाहरी लोगों को ज्यादा संख्याओं में इन कंपनियों में रोजगार हेतु रखा गया है ऐसा क्यों हो रहा ? वही अप्रशिक्षित बेरोजगारों को कितना प्रतिशत लोगों को रोजगार हेतु प्रशिक्षित करके उन्हें रोजगार प्रदान किया गया है .
खदान में सहयोगी कंपनी के द्वारा अस्थाई कैंप वन भूमि में लगाया गया…
शिकायतकर्ता ने शिकायत में कहा कि खदान में कार्य करने वाले कंपनी जिसमें दो कंपनी जो सालही तथा परसा के मध्य जंगल में अवैध रूप से स्थाई कैंप लगाकर ठहरने एवं अन्य व्यवस्था उपलब्ध कराया जा रहा है यह किसके अनुमति से की जा रही है जबकि वह परिक्षेत्र वन भूमि का है यदि किसी व्यक्ति को वन भूमि के तहत वन अधिकार पत्र प्राप्त भी हुआ है तो वन अधिकार पत्र के नियमों का पालन क्यों नहीं हो रहा.
कई मूलभूत सुविधाओं के सुधार हेतु किया जा रहा अनदेखी…
शिकायतकर्ता ने शिकायत में कहा कि खदान से प्राप्त मुनाफे का 2% राशि को स्थानीय सामाजिक उत्थान एवं ग्राम विकास में लगाए जाते हैं तो खदान प्रभावित क्षेत्र के घाटबर्रा के आश्रित ग्राम शेदु, सुसकम, परोगिया आदि ग्राम अपने मूल ग्राम पंचायत से आवागमन हेतु पक्की सड़क क्यों नहीं, पगडंडी रास्ता क्यों है वही उदयपुर क्षेत्र के कई ग्राम आज तक पहुंच विहीन है इस पर खर्च क्यों नहीं किया गया जबकि खदान सत्र 2012 से संचालित है.
प्रभावित क्षेत्र के बच्चों के साथ अध्ययन अध्यापन कार्य में भेदभाव क्यों…
शिकायत में यह भी कहा गया है कि खदान प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए यदि केंद्रीय विद्यालय स्कूल का संचालन अदानी फाउंडेशन के द्वारा किया जा रहा है तो प्रभावित क्षेत्र में कई ऐसे शासकीय स्कूल हैं जहां भी बच्चे अध्यनरत हैं उन बच्चों के लिए भी केंद्रीय सीबीएसई बोर्ड की पद्धति से पढ़ाई क्यों नहीं करवाया जा रहा.
स्थानीय स्तर के धार्मिक एवं दार्शनिक स्थल पर सुधार हो….
उदयपुर के दार्शनिक स्थल महेशपुर एवं रामगढ़ के कई स्थानों पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है इसके सुधार कार्य हेतु सीएसआर का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा जबकि सीएसआर मद का उपयोग स्थानीय स्तर विकास के लिए किया जाना चाहिए वर्तमान में कितना कार्य उक्त मद से क्षेत्र में हुए हैं इन सभी बातों को लेकर के जिला कलेक्टर में जनदर्शन के माध्यम से शिकायत प्रस्तुत कर तत्काल कार्यवाही किए जाने की मांग किए हैं.
आठ माह बीत गया पर नहीं हुई को कोई कार्यवाही…शिकायतकर्ता के द्वारा बताया गया की 8 महीना पूर्व सरगुजा जनदर्शन कार्यालय में इस मामले को लेकर के शिकायत प्रस्तुत किया गया था लेकिन आज पर्यंत कोई कार्यवाही नहीं हुई वहीं मिली जानकारी अनुसार उक्त प्रकरण उदयपुर एसडीएम के पास है मगर एसडीएम के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है मात्र आज करेंगे कल करेंगे करके टाल मटोल किया जा रहा है इसे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी के द्वारा इस शिकायत पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई करने से मुकर रहे हैं.
नहीं हुई कार्यवाही तो करेंगे आमरण अनशन…
शिकायतकर्ता के द्वारा बताया गया कि प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर भरोसा है मगर इतनी लापरवाही अधिकारियों के द्वारा जांच करने में बढ़ती जाएगी तो आने वाले समय में आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होना पड़ेगा.





