अंबिकापुर. गरीबों का राशन में फिर डाला गया डाका,3 माह के जगह सिर्फ मिला 2 माह का राशन,आक्रोशित ग्रामीण एसडीएम कार्यालय का घेराव करने हुए एक जुट. फूड इंस्पेक्टर की भूमिका भी संदिग्ध.
दरअसल सरगुजा जिले के लुण्ड्रा विकासखंड अंतर्गत ग्राम चित्तरपुर में महिला समूह द्वारा राशन वितरण में सिर्फ दो माह का चावल देने पर ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला, सरकार द्वारा चावल उत्सव क़े तहद जून, जुलाई, अगस्त, माह का एक साथ चावल ग्रामीणों को वितरण करने निर्देश दिए गए है जिसके तहद लगभग सभी ग्राम पंचायतो में वितरण किया जा रहा है, जबकी चित्तरपुर में दो माह का चावल ही कार्ड धारियों को दिया जा रहा है, जब ग्रामीण इसका विरोध किए तो बाद में देने की बात कही गई, जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो आंदोलन करने की चेतावनी देने लगे. आज 16 जून 2025 को ग्रामीणों ने एकत्रित होकर चित्तरपुर से पैदल मार्च कर धौरपुर एसडीएम कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे,लेकिन कार्यालय में वीरान होने के कारण ग्रामीण दबे पांव गांव वापस लौट आए है,वही आक्रोशित ग्रामीणों ने भूख हड़ताल पर बैठने की बात भी कह रहे थे.
फूड इंस्पेक्टर की लापरवाही से नहीं मिल पा रहा गरीबों का राशन…वहीं मामले की बारीकी से जानकारी लेने लुण्ड्रा फूड इंस्पेक्टर गौर सिंह जात्रे से चितरपुर खाद्यान्न सामग्री की समस्याओं को लेकर बात की गई,तो उन्होंने बातों को उलझाते हुए बताया 3 माह पूर्व से शासकीय उचित मूल्य दुकान की जांच की गई थी, जिसमें पूरा 1 माह का राशन की कमी पाई गई थी,लेकिन आज तक न संचालक पर कार्रवाई हुई,न बदले गए और न ही कमी की पूर्ति हुई. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि,ब्लॉक स्तर पर किस तरह के लापरवाह फूड इंस्पेक्टर बैठे है,जो 3 माह पहले जांच किए लेकिन आज तक कोई ठोस कदम उठाने में कामयाब नहीं हुई,जो भ्रष्टाचार की तस्वीर साफ झलकती है.
ऐसे में भोले भाले ग्रामीण अपने हक की राशन के लिए विगत 3 माह से गुहार लगा रहे है,वही अब अगस्त तक एक साथ 3 माह का राशन वितरण करना है,तो संचालक जो पूर्व में ही 1 माह का चावल डकार चुका है उसे ही शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन करने खुला छूट दे रखा है,लुण्ड्रा फूड इंस्पेक्टर गौर सिंह जात्रे साहब.
बरहाल गरीबों की हक की राशन की समस्या यह पहली बार नहीं निकलकर आ रही,आए दिन भ्रष्टाचारियों की मिली भगत से इनके हक में डाका डाला जा रहा है. वही कार्रवाई के नाम पर कहीं प्रभार दूसरे को देकर मामला रफा दफा कर दिया जाता है.





