अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध रामगढ़ पहाड़ी पर आज सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. डुमरिया सूरजपुर से रामगढ़ दर्शन करने आई 12 वर्षीय बॉबी राजवाड़े बंदरों के हमले से घबराकर करीब 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी. बच्ची को सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन, रामगढ़ सेवा समिति और स्थानीय युवाओं ने मिलकर दो घंटे तक कठिन रेस्क्यू अभियान चलाया.
दरअसल मिली जानकारी के अनुसार आज सोमवार सुबह करीब 8 बजे बच्ची अपने परिजनों के साथ राम जानकी मंदिर दर्शन के बाद चंदन कुंड की ओर जा रही थी, इसी दौरान बंदरों ने उसके हाथ में रखा थैला झपट लिया जिससे वह डर गई और पैर फिसलने से खाई में जा गिरी. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय बैगा अशोक वरकड़े तुरंत मौके पर पहुंचे, उनके साथ दीनानाथ यादव, सरपंच प्रदीप मरकाम, एसआई आभाष मिंज, आरक्षक देवेंद्र सिंह, वन रक्षक सहीस कपूर और अन्य स्थानीय लोग, लगभग 2 घंटे की मशक्कत के बाद बच्ची को रस्सी के सहारे सुरक्षित बाहर निकालने में सफल रहे.
रेस्क्यू के दौरान तहसीलदार कमलेश मिरी, नायब तहसीलदार आकाश गौतम, रेंजर कमलेश राय, थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर व SDRF की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखी. SDRF टीम द्वारा स्ट्रेचर के सहारे 650 सीढ़ियां चढ़कर बच्ची को पहाड़ी से नीचे लाया गया,रामनगर पंचायत की एंबुलेंस से उसे प्राथमिक उपचार के लिए सीएचसी उदयपुर से मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसके पैर में फ्रैक्चर की पुष्टि की है.
आए दिन हो रहे घटनाएं…
रामगढ़ में सीढ़ियां अधूरी और खतरनाक हैं, रेलिंग, बिजली और पानी की समुचित व्यवस्था का अभाव है,वही यहां दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी जान हथेली पर लेकर सीढ़ियों से जाना पड़ता है,वही बंदरों को खाने पीने की अपर्याप्त वस्तुओं के वजह से आए दिन दर्शन करने आए श्रद्धालुओं पर बंदरों का आतंक बना रहता है,जिसके वजह से ऐसी अप्रिय घटना घटित हो रही है.





