सरगुजा. आज बुधवार को दोपहर 2 बजे एक जानकारी प्राप्त हुई कि सरगुजा जिले के लुण्ड्रा थाना में पदस्थ आरक्षक अमित रजवाड़े ने पुलिस विभाग में प्रताड़ना से तंग आकर अपना त्यागपत्र विभाग को सौंप दिया है. आरक्षक ने अपने त्यागपत्र में आईजी के स्टेनो पुष्पेंद्र शर्मा पर प्रताड़ित करने और धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.
वही आरक्षक का कहना है कि लुण्ड्रा थाने में चोरी की कई शिकायतें करने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की जाती थी. इस संबंध में उसने आईजी और एसपी से भी शिकायत की थी, शिकायत के बाद से ही स्टेनो पुष्पेंद्र शर्मा उन्हें जिला बदर की लगातार धमकी दे रहे थे.
दरअसल बताया जा रहा है कि आरक्षक अमित रजवाड़े को बिना किसी स्पष्ट कारण के लुण्ड्रा से बलरामपुर जिले में ट्रांसफर कर दिया गया था, जिसे प्रताड़ना की एक और कड़ी माना जा रहा है, आरक्षक के त्यागपत्र के बाद आईजी ऑफिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके बाद आरक्षक का त्यागपत्र अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों के बीच इस घटना को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है, विभागीय उच्च अधिकारियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है.
क्या पुलिस विभाग में निचले स्तर के कर्मचारियों के साथ इस तरह का व्यवहार आम हो चला है..? यह मामला आने वाले दिनों में एक बड़ी प्रशासनिक जांच की ज़रूरत को दर्शाता है.
वही हमारे सूत्र बताते है कि सरगुजा आईजी जाते-जाते 21 आरक्षकों के ऊपर दोषारोपण निकाल,उन्हे जिला बदर कर दिया है,सूत्र ये भी बताते है जिन 21 आरक्षकों का तबादला हुआ है अब वे विभाग के ऊपर नाराजगी जता रहे है,इसलिए की सरगुजा आईजी के स्थानांतरण के बाद,आखिर 21 आरक्षकों का तबादला का लिस्ट कैसे निकला.
बरहाल अब देखना होगा की क्या जिला बदर हुए आरक्षकों पर नए आईजी उन स्थानों पर भेज पाते है या नहीं. दूसरी ओर विभाग की पड़ताड़ना का शिकार हुए आरक्षक पर क्या प्रतिक्रिया होती है यह देखने वाली बात होगी.
