अंबिकापुर. काला हीरे की चोरी थमेगा या सिलसिलेवार चलता ही रहेगा आखिर क्यों नही थम रहा यह चोरी का खेल कौन है इसके पीछे जो प्रशासन तक को मुट्ठी में कर खेल रहा यह खेल.
दरअसल सरगुजा जिले के लखनपुर में कोयला चोरी कर बड़े पैमाने पर इसकी तस्करी की जा रही है यह बात किसी से छुपी नहीं है,इसके बावजूद भी पुलिस विभाग मामूली कार्रवाई कर कई बार सफलता की सुर्खियां बटोरने में कमी नहीं की. लेकिन बड़े तस्कर का पर्दाफाश करने में नाकाम साबित हुआ है,आखिर क्यों हमारे सूत्र के मुताबिक बड़े तस्कर इनके हाथ बांध रखे है तभी यह खेल थमने का नाम नहीं लेता.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बाहरी कोल माफिया स्थानीय कोल माफिया के साथ मिलकर बाइकर्स गैंग की मदद से कोयला एकत्रित कर पिकअप और ट्रक के माध्यम से कोयला परिवहन कर दूसरे राज्यों में बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी कर रहे है. सूचना के बाद भी पुलिस इन तस्करों पर कार्यवाही करने से कतरा रही है,वही मिली जानकारी के अनुसार लखनपुर थाना क्षेत्र के अमेरा खदान के सीमा पर स्थित कटकोना से तस्करों के द्वारा स्थानीय ग्रामीणों की मदद से अवैध गड्ढा खुदवाकर बड़े स्तर पर कोयला बाहर निकलवाया जाता है और बाइकर्स गैंग की मदद से उन कोयलों को ग्राम सिरकोतगा, सुकरी ,केवरा, पुहपुतरा सहित अन्य गांव में स्थापित ईट भट्टे में कोयला एकत्रित कर रात के अंधेरे में पिकप और ट्रक में भरकर दूसरे राज्यों में कोयला की तस्करी की जाती है, बताया यह भी जा रहा है कि कोल माफियाओं के द्वारा बाइकर्स गैंग को 50-50 हजार रुपए और बाइकर्स को ₹20=20 हजार रुपए एडवांस के रूप में रकम दिया गया है और इन्हीं बाइकर्स गैंग की मदद से बड़े पैमाने पर कोयला तस्करी का खेल, कोल माफिया कर रहे हैं. कोयला तस्करी को लेकर कई बार पुलिस को सूचना मिली परंतु पुलिस कार्रवाई करने से हमेशा कतराती है,
सरगुजा पुलिस की मामूली कार्रवाई
पिछले माह में पुलिस टीम के द्वारा 6 से अधिक बाइकर्स गैंग के सदस्यों को कोयला परिवहन करते पकड़ा गया था,लगभग आधा ट्रैक्टर कोयला भी जप्त कर थाना लाया गया था, लेकिन पुलिस ने किसी भी बाइकर्स गैंग के खिलाफ न तो कार्रवाई की गई,वही लखनपुर थाने परिसर में रखा कोयला भी गायब हो गया. इस घटना से पुलिस प्रशासन के ऊपर भी कई सवालों को जन्म दे रहा है, अगर पुलिस प्रशासन चाहे तो अवैध कोयला परिवहन पर अंकुश लगा सकता है.
100 रुपए में खरीद, लाखों में बिक्री
अमेरा खदान के सीमा पर स्थित कटकोना से ग्रामीणों के द्वारा बोरी में भरकर 30 फिट ऊपर पहुंचाकर 100 रुपए बोरी बाइकर्स गैंग को बेचा जाता है, ईट भट्टे तक पहुंचते तक 300 रुपए बोरी इसका रेट हो जाता है, वही कोल माफिया द्वारा ₹4 रुपए किलो के भाव से कोयला खरीदा जाता है और दूसरे राज्यों में 1.50 लाख से लेकर 2 लाख तक विक्रय किया जा रहा है,यह खेल एक चैन के माध्यम से ₹100 का कोयला लाखों रुपए में बिक रहा है और शासन को करोड़ों रुपए की छती हो रही है.
चिमनी और गमले भट्ठे में खापाया जा रहा अवैध कोयला लखनपुर ,दारिमा, सुखरी विश्रामपुर क्षेत्र में संचालित चिमनी भट्ठे सहित अवैध गमले भट्ठे में इन कोयले को खपाया जा रहा है, यही नहीं क्षेत्र में कोयले की उपलब्धता होने से कुकुरमुत्ता की तरह अवैध गमले भट्ठे का भी संचालन हो रहा है इन अवैध गमले भट्ठे में अवैध कोयला खपाने का खेल भी चल रहा है,विगत दिनों पूर्व लखनपुर क्षेत्र के ग्राम पलगड़ी में अवैध गमले भट्ठे में काम कर रहे दो मजदूर दंपति की भी मौत हो गई थी, बताया जा रहा है कि प्लास्टिक के तंबू के अंदर कोयले जलाकर मजदूर दंपति सोया हुआ था और सवेरे उनकी लाश मिली थी,घटना के बाद से उक्त गमले भट्ठे से कोयले को हटा दिया गया था। जो कि जांच का विषय है.
बरहाल अब देखने वाली बात होगी कि पुलिस किस प्रकार की कार्रवाई इन कोल माफियाओं पर करती है या फिर या खेल जारी रहेगा.
